गूगल (Google) के द्वारा बनाया हुआ ओपन सोर्स्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (Open Source Operating System) “एंड्रॉइड” (Android) ने पिछले एक दशक में दुनिया में तूफान सा ला दिया है| इसका उपयोग मुख्य रुप से टैबलेट्स (tablets) और स्मार्टफोन (smartphone) में किया जाता है और वर्तमान में यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) है। यह सॉफ्टवेयर लिनक्स (Linux)पर आधारित है, ज़िसपे उपयोगकर्ता अपने फोन के टच-स्क्रीन (Touch Screen), स्वाइप (Swipe) या टैप (Tap) कर उनकी वांछित प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकता है | इसके साथ ही, नई पीढ़ी के एंड्रॉइड हैंडसेट (Android Headset) ने अपने सिस्टम में वॉयस कमांड (Voice Command) भी शामिल किए हैं।
एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम बेहद अनुकूलन योग्य(अपने हिसाब से इस्तेमाल करने योग्य) है जिस कारण मोटोरोला(Motorola), सैमसंग (Samsung) आदि कई प्रमुख मोबाइल बनाने वाली कंपनियों ने अपने प्राथमिक ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में एंड्रॉइड का उपयोग करने का विकल्प चुना है।
एंड्रॉइड का इतिहास (History of Android)
एंड्रॉइड एंडी रुबिन (Andi Rubin) की दिमाग की पैदाइश थी, जिन्होंने 2003 में इस टेक्नोलोजी को विकसित किया था। इस कार्य में निक सियर्स (Nick Sears) और क्रिस व्हाईट (Chris White) भी सह-डेवलपर्स (Co-developers) थे, जिनके पास टी-मोबाइलों का मजबूत संबंध था। प्रारंभिक चरणों में, एंड्रॉइड को व्यर्थ प्रयास माना जाता था| स्टीव पेर्लमैन (Steve Perlman) को एंडी रुबिन की याचिका के बाद, कंपनी को दिवालिएपन (Bankrupt) से बचाने के लिए 10,000 डॉलर प्राप्त हुए। हालांकि, वास्तविक चमत्कार तब हुआ जब गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज (Larry Page), एंडी रुबिन को “सहायता” देने के लिए आगे आये । एंड्रॉइड प्रोटोटाइप (Prototype) ने गूगल टीम को बहुत प्रभावित किया और 45 दिन बाद इसे गूगल ने 50 मिलियन डॉलर में खरीद भी लिया।
एंड्रॉइड टीम गूगल कोरपोरेसन (Corporation) के साथ जुड़ गयी और साथ ही सिस्टम का निर्माण करना भी जारी रखा, जब तक कि इसे एचटीसी (HTC) द्वारा 2008 में रिलीज़ नहीं किया गया। इसके बाद एंड्रॉइड ने वैश्विक स्तर पर दो अरब डॉलर ($ 2 Trillion) की नेट वर्थ (Net Worth) के साथ तेजी से बढ़ोतरी की है। इसके बाद, कई संस्करण अपडेट उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं, नवीनतम (New) अपडेट एंड्रॉइड 7 नौगेट (Nougat) है|
एंड्रॉइड की विशेषताएं (Features of Android)
एंड्रॉइड की कई ऐसी विशेषताएं (Features) है जिसने ग्राहकों को काफी प्रभावित किया है:
i) एनएफसी (Near field communication) उच्च आवृत्ति की वायरलेस (Wireless) तकनीक है जो कि एंड्रॉइड डिवाइसेस के बीच कम दूरी में डेटा के आदान-प्रदान को सफल करता है। निकट सीमा के कारण, यह ब्लूटूथ (Bluetooth) कनेक्टिविटी (Connectivity) की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। एनएफसी का उपयोग एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में लेन-देन की सुविधा प्रदान कर सकता है और नकद या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के उपयोग को खत्म कर सकता है।
ii) विजेट्स (Widgets), होम-स्क्रीन (Home-Screen) पर एक मिनी-वर्जन बना देता है ज़िससे मेनू (Menu) में जाके एक निश्चित एप (App) खोलने के लिए आवश्यकता नहीं होती है |
iii) एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं (Android User) के लिए सुपर अनुकूलन वाली वाल – स्क्रीन (Wallscreen) और होम स्क्रीन (Home Screen) भी उपलब्ध हैं, जहां लाइव वॉलपेपर (Live Wallpaper), वैकल्पिक थीम (Optional Theme), आदि जो ऐप स्टोर (App Store) से या इंटरनेट पर डाउनलोड किए जा सकते हैं।
iv) गूगल प्ले स्टोर (Google Playstore) सम्पूर्ण दुनिया के एप्लिकेशन डाउनलोड स्टोरो का बादशाह है जो 1 लाख से अधिक इनस्टॉल (Install) की जा सकने वाली एप्लिकेशन उपलब्ध कराता हैं और ज़िन्हे उपयोगकर्ता मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं या खरीद सकते है।
v) स्टोरेज विस्तार और बैटरी प्रतिस्थापन कुछ ऐसे एंड्रॉइड फीचर्स हैं जो कि ज्यादातर आईओएस (IOS) उपयोगकर्ताओं द्वारा भी इस्तेमाल किये ज़ाते हैं। एंड्रॉइड मोबाइल उपयोगकर्ताओं को अपनी बैटरी को अपग्रेड करने की इजाजत देते हैं, जब वे बैटरी को चार्ज रखने में सक्षम नहीं रहते हैं । स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए एसडी कार्ड स्लॉट्स (SD Card Slot) का भी उपयोग किया जा सकता है|
vi) मुख्य गूगल कीबोर्ड (Keyboard) के साथ स्वाईप (Swipe), स्विफ्ट (Swift) की आदि जैसे कई कीबोर्ड भी एंड्रॉइड डिवाइसों (Android Devices) द्वारा समर्थित हैं । इस फीचर की उपस्थिति उपयोगकर्ता को समायोजित करने और चुनने की अनुमति देता है कि कौन सा कीबोर्ड उनके फ़ोन लिए सबसे उपयुक्त है। ये सभी स्मार्ट कीबोर्ड अत्यधिक अनुकूलन योग्य और सुलभ हैं|
एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम ने अपने अपडेटेड (Updated) संस्करण, तत्काल बग फिक्स (Bug Fix) और नये ए्प्लिकेशन डेटाबेस (Application Database) के माध्यम से तकनीक की दुनिया पर लगातार प्रभाव डाला है। इसने इस समय न केवल सभी प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टमों में जमे रहने की लड़ाई लड़ी, बल्कि वैश्विक मोबाइल प्रौद्योगिकी (Technology) में क्रांतिकारी (Revolutionary) बदलाव भी किया। इसने वास्तव में अपने उपयोगकर्ता (User) के अनुकूल कार्यान्वयन के माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी आसान बना दिया है|