बिटकॉइन इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर जहाँ जापान, बिटकोइन को कानूनी निविदा( legal tender) के तौर पर सही मानते हैं, जबकि दूसरी तरफ जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेम्स डिमन ने इसे “धोखाधड़ी” का मामला बताते हैं।
भारत सरकार भी बिटकॉइन से खुश नहीं दिख रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी सुदर्शन सेन ने भी पिछले 13 सितंबर 2017 को कहा था कि सेंट्रल बैंक (RBI) बिटकॉइन जैसे गैर-फ़िएट क्रिप्टोकरेंसी (Non-fiat cryptocurrency) के साथ सहज महसूस नहीं करती है।
वर्तमान में एक बिटकॉइन की कीमत 15904.00 US Dollar (मतलब करीब 10 लाख भारतीय रुपया) हैं।
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन का आविष्कार 2009 में सतोशी नाकामोतो ( satoshi nakamoto)ने किया था। बिटकॉइन एक क्रिप्टोक्यूरेंसी (cryptocurrency)या डिजिटल मुद्रा( digital currency)है, जो कि मुद्रा की इकाइ को पैदा करने के लिए क्रिप्टोग्राफी(cryptography) के नियमों का उपयोग करता है। बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के दायरे के अंदर आता है और उनमें से सबसे पहला और सबसे मूल्यवान था। इसे आमतौर पर विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा ( decentralised digital currency)कहा जाता है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
बिटकॉइन्स पूरी तरह से आभासी सिक्के (virtual currency) हैं जो अपने मूल्य के लिए ‘आत्म-निहित’ (self-contained) होती है और जिनके लिए बैंकों में पैसा इकट्ठा करने और भेजने की की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
एक बार जब आप बिटकॉइन के मालिक बनते हैं, तो उनका मूल्य और व्यापार वैसा ही होता है जैसे कि वे आपके पास कोई सोने की डाली
हो। आप सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीदने के लिए अपने बिटकॉइन का उपयोग कर सकते हैं, या आप उन्हें संभल सकते हैं और आशा कर सकते हैं कि उनका मूल्य साल में बढ़ जाए। बिटकॉइन्स एक निजी ‘बटुए'(wallet) से दूसरे बटुए में कारोबरित(traded) होते हैं।
एक बटुआ(wallet) एक छोटा व्यक्तिगत डेटाबेस है जिसे आप अपने कंप्यूटर ड्राइव पर, अपने स्मार्टफ़ोन पर, अपने टेबलेट पर या क्लाउड में कहीं भी ससंग्रहित कर सकते हैं।