एचटीएमएल एक संक्षिप्त शब्द है जो हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (hyper text markup language) के लिए लिखा जाता हैं। चलिये देखते हैं कि हाइपर टेक्स्ट क्या है और मार्कअप लैंग्वेज क्या है?
हाइपर टेक्स्ट(Hyper Text) हाइपर टेक्स्ट का अर्थ है “टेक्स्ट के अंदर टेक्स्ट” (text within a text) एक टेक्स्ट जिसमे एक लिंक भी होता है, हाइपरटेक्स्ट कहलाता है। जब भी आप एक शब्द पर क्लिक करते हैं और वो आपको एक नए वेबपृष्ठ (webpage) पर ले आता है, तो इसका मतलब ये है कि आपने हाइपरटेक्स्ट पर क्लिक किया है।
मार्कअप लैंग्वेज(markup language) : मार्कअप लैंग्वेज एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका प्रयोग टेक्स्ट को अधिक इंटरैक्टिव और गतिशील बनाने में किया जाता है। यह एक टेक्स्ट को छवियों, तालिकाओं, लिंक आदि में बदल सकता है।
एक एच टी एम एल दस्तावेज़ कई एच टी एम एल टैग से बना है और प्रत्येक एच टी एम एल टैग में अलग-अलग सामग्री होती है।
चलिये पहले एच टी एम एल का एक सरल उदाहरण देखते हैं।
<! DOCTYPE>
<Html>
<Body>
<h1> अपना पहला सीर्षक लिखे </h1>
<P>अपना पहला पैराग्राफ लिखें</p>। (write your first paragraph)
< Body>
<Html>
एच टी एम एल टैग (HTML Tags)
- डॉकटाइप(DOCTYPE) : यह दस्तावेज़ के प्रकारों को परिभाषित करता है।
- एच टी एम एल(HTML) : HTML टैग के बीच का टेक्स्ट वेब दस्तावेज़ का वर्णन करता है
- बॉडी(body) : बॉडी टैग के बीच का टेक्स्ट पेज की बॉडी सामग्री का वर्णन करता है जो अंतिम उपयोगकर्ता को दिखाई देता है।
- एच 1<H1>: एच 1 टैग के बीच का पाठ वेबपेज के शीर्षक का वर्णन करता है।
- <p>: पी टैग के बीच का पाठ वेबपेज के पैराग्राफ का वर्णन करता है
एचटीएमएल का संक्षिप्त इतिहास (History of HTML)
1980 के दशक के आखिर में, एक भौतिक विज्ञानी, टिम बर्नर्स-ली, जो सीईआरएन( CERN) में ठेकेदार थे, ने सीईआरएन शोधकर्ताओं के लिए एक सिस्टम(system) का प्रस्ताव रखा। 1989 में उन्होंने एक इंटरनेट पर आधारित हाइपरटेक्स्ट सिस्टम का प्रस्ताव करते हुए एक ज्ञापन लिखा।
टिम बर्नर्स-ली को एचटीएमएल के पिता के रूप में जाना जाता है। एचटीएमएल का पहला उपलब्ध विवरण 1991 के अंत में टिम द्वारा प्रस्तावित “एचटीएमएल टैग” नामक एक दस्तावेज में है।
एच टी एम एल की विशेषताएं (Characteristics of HTML)
1) यह एक बहुत आसान और सरल भाषा है इसे आसानी से समझा और संशोधित किया जा सकता है।
2) एचटीएमएल के साथ प्रभावी प्रेजेंटेशन(presentation) बनाना बहुत आसान है क्योंकि इसमें बहुत सारे फॉर्मेटिंग (formatting)टैग हैं।
3) यह एक मार्कअप लैंग्वेज है, इसलिए यह टेक्स्ट(text) के साथ वेब पेजों को डिज़ाइन करने का एक लचीला तरीका प्रदान करता है।
4) यह प्रोग्रामर को वेब पृष्ठों पर लिंक जोड़ने की सुविधा देता है (html एंकर टैग द्वारा), इसलिए यह उपयोगकर्ता के ब्राउज़िंग के हित को बढ़ाता है।
5) यह प्लेटफॉर्म स्वतंत्र है क्योंकि यह विंडोज(windows),लिनक्स (linux)और मैकिन्टोश(macintosh) जैसे किसी भी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जा सकता है।
6) यह प्रोग्रामर को वेब पेज पर ग्राफिक्स, वीडियो और ध्वनि जोड़ने के लिए सुविधा देता है, जो इसे और अधिक आकर्षक और इंटरैक्टिव(interactive) बनाता है।